शादी मनुष्य के जीवन के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है | शादी के बाद लड़का और लड़की एक रिश्ते में बंधते है और उनका परिवार भी आपस में एक नया रिश्ता कायम करता है | जब भी शादी का दिन निर्धारित किया जाता है तो इसमें एक बहुत लम्बा समय और मेहनत लगती है | ऐसे में शादी के लिए काफी सोच विचार और ज्योतिषी की मदद से विवाह का दिन निश्चित किया जाता है | आज हम आपको शादी से जुडी ही कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे है, जिनके बारे में जातक को भी जानकारी होना जरुरी है |
रखे इस बात का ख्याल
ज्योतिष विद्या के अनुसार जिस माह में माता पिता का विवाह हुआ हो, उस माह में विवाह नहीं करना चाहिए | बताया जाता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन प्रभावित होता है |
इस नक्षत्र में ना करे विवाह
पुष्प और पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र में कभी विवाह की दिनांक निर्धारित नहीं करनी चाहिए | इस समय में विवाह शुभ नहीं माना जाता है | इस समय में किया गया विवाह जातक के जीवन खुशियों के बजाय दुखो का कारण बनता है |
ज्येष्ठ माह
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति को अपनी पहली संतान की शादी ज्येष्ठ माह में नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ज्येष्ठ संतान और ज्येष्ठ माह का संयोग शुभ नहीं माना जाता है | ऐसे में इस स्थिति को नजरअंदाज करना ही बेहतर है |
ग्रहण का रखे ध्यान
विवाह का समय निर्धारित करते समय इसके आसपास के ग्रहण का भी ध्यान रखे | ज्योतिष के अनुसार ग्रहण के तीन दिन पहले और तीन दिन बाद कभी विवाह कार्य ना करे | ये वैवाहिक जीवन में कठिनाई भर देता है |
इस योग में ना करे विवाह
ज्योतिष के अनुसार गोचर में गुरु, शुक्र और तारा अस्त होने पर विवाह नहीं करना चाहिए | चातुर्मास में जब भगवन विष्णु जब शयन अवस्था में होते है, उस अवधि से देव प्रबोधिनी एकादशी तक विवाह कार्य नहीं करना चाहिए |